मिले हो तुम हमको बड़े नसीबों से
चुराया है मैंने क़िस्मत की लकीरों से
मिले हो तुम हमको बड़े नसीबों से
चुराया है मैंने क़िस्मत की लकीरों से
तेरी मोहब्बत से साँसें मिली है
सदा रहना दिल में क़रीब रह होके
(मिले हो तुम हमको बड़े नसीबों से
चुराया है मैंने क़िस्मत की लकीरों से) -२
तेरी चाहतों में कितना तड़पे है
सावन भी कितने तुझ बिन बरसे है
ज़िन्दगी में मेरी सारी जो भी कमी थी
तेरे आ जाने से अब नहीं रही
सदा ही रहना तुम मेरे क़रीब हो के
चुराया है मैंने क़िस्मत की लकीरों से
मिले हो तुम हमको बड़े नसीबों से
चुराया है मैंने क़िस्मत की लकीरों से
बाँहों में तेरी अब यारा जन्नत है
माँगी ख़ुदा से तू वो मन्नत है
तेरी वफ़ा का सहारा मिला है
तेरी ही बजह से अब मैं ज़िन्दा हूँ
तेरी मोहब्बत से ज़रा अमीर हो के
चुराया है मैंने क़िस्मत की लकीरों से
मिले हो तुम हमको बड़े नसीबों से
चुराया है मैंने क़िस्मत की लकीरों से
मिले हो तुम हमको बड़े नसीबों से
चुराया है मैंने क़िस्मत की लकीरों से