वे माहि Ve Maahi Lyrics in Hindi – Kesari | Arijit Singh
वे माहि Ve Maahi Lyrics in Hindi – Kesari | Arijit Singh
गाना: वे माहि
फिल्म: केसरी
गायक: अरिजीत सिंह, असीस कौर
गीतकार: तानिस्क बागची
संगीतकार: तानिस्क बागची
वे माहि Ve Maahi Lyrics in Hindi – Kesari | Arijit Singh
तलवारों पे सर वार दिए
अंगारों में जिस्म जलाया है
तब जा के कहीं हमने सर पे
ये केसरी रंग सजाया है
ऐ मेरी ज़मीं अफसोस नहीं
जो तेरे लिए सौ दर्द सहे
महफूज़ रहे तेरी आन सदा
चाहे जान मेरी ये रहे न रहे
ऐ मेरी ज़मीं महबूब मेरी
मेरी नस-नस में तेरा इश्क बहे
फीका ना पड़े कभी रंग तेरा
जिस्मों से निकल के खून कहे
तेरी मिट्टी में मिल जावाँ
गुल बणके मैं खिल जावाँ
इतनी सी है दिल की आरज़ू
तेरी नदियों में बह जावाँ
तेरे खेतों में लहरावाँ
इतनी सी है दिल की आरज़ू
सरसों से भरे खलिहान मेरे
जहाँ झूम के भंगड़ा पा न सका
आबाद रहे वो गाँव मेरा
जहाँ लौट के वापस जा न सका
ओ वतना वे, मेरे वतना वे
तेरा-मेरा प्यार निराला था
कुर्बान हुआ तेरी अस्मत पे
मैं कितना नसीबों वाला था
तेरी मिट्टी में मिल जावाँ…
केसरी…
ओ हीर मेरी तू हँसती रहे
तेरी आँख घड़ी भर नम ना हो
मैं मरता था जिस मुखड़े पे
कभी उसका उजाला कम ना हो
ओ माई मेरी क्या फिक्र तुझे
क्यूँ आँख से दरिया बहता है
तू कहती थी तेरा चाँद हूँ मैं
और चाँद हमेशा रहता है
तेरी मिट्टी में मिल जावाँ…
ओ रान्झणा वे, तेरी साँसों पे
थोड़ा सा वतन का भी हक था
ना देख मुझे यूँ मुड़-मुड़ के
तेरा-मेरा साथ यहीं तक था
ये तेरी ज़मीं तेरे खून से ही
तो सजती सँवरती है रांझे
तेरे इश्क की मैं हक़दार नहीं
तेरी हीर तो धरती है रांझे
तेरी मिट्टी में मिल जावाँ
गुल बणके मैं खिल जावाँ
इतनी सी है दिल की आरज़ू
तेरी नदियों में बह जावाँ
तेरे खेतों (फसलों) में लहरावाँ
इतनी सी है दिल की आरज़ू
ऐ मेरी ज़मीं अफसोस नहीं…
Teri Mitti Lyrics from Kesari
talwaro pe sar vaar diye
angaro mai jism jalaya hai
tab ja ke kahi humne sar pe
ye kesari rang sajaya hai
ye meri jameen afsos nahi
jo tere liye sau dard sahe
mehfuj rahe teri aan sada
chahe jaan meri ye rahe na rahe
ye meri jami mehbub meri
meri nas nas mai tera isq bahe
fika na pade kabhi rang tera
jismo se nikal ke khun kahe
teri mitti mai mil jawa
gul banke mai khil jawa
itani si hai dil ki aarjoo
teri nadiya mai bah jawa
tere kheto mai lahrawa
itani si hai dil ki aarjoo
sarso se bhare khaliyan mere
jaha zum ke bhangada pa na saka
aabad rahe wo gaon mera
jaha laut ke wapas ja na saka
o watana ve, mere watana ve
tera mera pyar nirala tha
kurbaan hua teri asmat pe
mai kitna nasibo wala tha
teri mitti mai mil jawa…
kesarii…
oo heer meri tu hansti rahe
teri ankh ghadi bhar nam na ho
mai marta tha jis mukhde pe
kabhi uska ujala kam na ho
oo maii meri kya fikr tuze
kyu ankh se dariya bahta hai
tu kehti thi tera chand hu mai
aur chand hamesha rahta hai
teri mitti mai mil jawa……
o ranjana ve, tere sanso pe
thoda sa watan ka bhi hak tha
na dekh muze yu mud-mud ke
tera mera sath yahi tak tha
ye teri jami tere khun se hi
to sajti sawarti hai ranze
tere isq ki mai hakdar nahi
teri heer to dharti hai ranze
teri mitti mai mil jawa
gul banke mai khil jawa
itani si hai dil ki aarjoo
teri nadiya mai bah jawa
tere kheto mai lahrawa
itani si hai dil ki aarjoo
ye meri jami afsos nahi…