रातें पूरी हो ना
मुलाक़ातें आधी आधी सी
बातें सुन लो मेरी ज़रा
तुझसे मैं यह कह भी दूं
शायद इस दिल को बहने दूं
क्या तुम्हें भी ऐसा लगता है
की मेरा तुम्हारा एक ही कहना है
हो गयी मैं जोगन सैयाँ
तोहसे मनवा लगा
जो बने तू मोहन सैयाँ
मैं बनू राधा
चाहते हम तुझको मिलना
खुद से भी ज़्यादा
जो बने तू मोहन सैयाँ
मैं बनू राधा
मुझको नसीब से मिला है
आके करीब क्यूँ रुका है
तेरे लिए थे नैन अकेले
फासला तू मिटा जाने क्या
सोचा था मैने
जैसे तू चाहे वैसी मैं बनू
आयेज तू पीच्चे पीच्चे मैं चलूं
क्या तुम्हें भी ऐसा लगता है
की मेरा तुम्हारा एक ही कहना है
हो गयी मैं जोगन सैयाँ
तोहसे मनवा लगा
जो बने तू मोहन सैयाँ
मैं बनू राधा
चाहते हम तुझको मिलना
खुद से भी ज़्यादा
जो बने तू मोहन सैयाँ
मैं बनू राधा
जो बने तू मोहन सैयाँ
मैं बनू राधा